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about 5 months ago
सुनने में आ रहा है दोस्तों कि कांग्रेस आने वाले राष्ट्रीय चुनाव की जंग में जीत की हर संभव कोशिश में प्रियंका गाँधी की मदद लेना चाहती है। ऐसी राय है कांग्रेस के बहुत से काबिल कैबिनेट के मंत्रियों की। इसका मतलब क्या निकाला जाए देश वासियों? क्या बाकी सब हथकंडे फेल हो गए कांग्रेस के? क्या कांग्रेस चुनाव से पहले ही अपनी हार स्वीकार कर चुकी है? क्या कांग्रेस को पता नहीं कि चुनाव फिर से जीतने के लिए समूचे देश को बेहतर शासन द्वारा अपनी योग्यता का परिचय देना पड़ता है? क्या प्रियंका गाँधी के केवल जुड़ने भर से हमारा देश सब कुछ भुलाकर कांग्रेस को जीता देगा?
मुझे तो यह संभव नहीं लगता। अगर मेरी मानो तो कांग्रेस का वही हाल होने वाला है 2014 के चुनाव में जो चार प्रदेशों के चुनाव के दौरान हुआ था। इस महत्वपूर्ण चुनाव के बाद राष्ट्रीय कांग्रेस किसी छोटी मोटी पार्टी की तरह दम तोड़ती हुई हाशिये पर पड़ी दिखाई देगी हम सबको। ये इसकी किस्मत किसी और ने नहीं लिखी बहनो भाइयो बल्कि कांग्रेस ने खुद अपने हाथों से लिखी है भ्रष्टाचार की सीमा लांघ कर।
आपको क्या लगता है ?
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